आर्थिक तंगी और सिस्टम के आगे मेडल बेचकर राशन लाने में मजबूर दिव्यांग एथलीट

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आर्थिक तंगी और सिस्टम के आगे मेडल बेचकर राशन लाने में मजबूर दिव्यांग एथलीट

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: झारखंड का नाम रोशन करने वाला धनबाद के कतरास इलाके के मलकेरा बस्ती निवासी अजय कुमार पासवान लगातार दस साल तक राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले एथलीट में से एक है। अजय एक दिव्यांग एथलीट है। चलती समय में घर की आर्थिक स्थिति ऐसी है कि अब अजय अपने मेडल बेचकर राशन खरीदने की तैयारी कर रहे हैं क्यों की उनका परिवार दाने-दाने को मोहताज है। दिव्यांग होने के बावजूद खेलकूद में अव्वल रहे और धीरे-धीरे एथलीट बन गए। अपने 10 साल के करियर में उन्होंने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 100 मीटर, 200 मीटर और 400 मीटर की दौड़ में कई मेडल अपने नाम किए है। यह बेहतरीन राष्ट्रीय पैरा एथलीट आज आर्थिक तंगी और सिस्टम के आगे मजबूर हो गया है। अजय ठीक से बोलने में असमर्थ हो कर भी टूटी-फूटी बात करते हुए कहा कि मेडल जीतने के बाद भी आजतक कोई सरकारी सहायता नहीं मिली, सरकार को हमारे जैसे खिलाड़ियों के बारे में भी सोचना चाहिए। अजय के छोटा भाई घर-घर पानी पहुंचा कर परिवार चला रहा है। उस ने कहा कि अब में अपने घर का खर्च चलाने के लिए जीते हुए मेडल बेच दूंगा।