स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: नेताजी सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी के बीच के मतभेदों की बात कही जाती है लेकिन सबसे पहली बार नेताजी ने ही 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो स्टेशन से दिए गए अपने भाषण में गांधीजी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था। नेताजी ने आजाद हिंद फौज की स्थापना करते हुए महात्मा गांधी से आशिर्वाद मांगा था। अपने भाषण के अंत में सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि 'हमारे राष्ट्रपिता, भारत की आजादी की पवित्र लड़ाई में मैं आपके आशीर्वाद और शुभकामनाओं की कामना कर रहा हूं।'