टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: जमुड़िया के विधायक हरेराम सिंह के विधायक प्रतिनिधि और युवा टीएमसी नेता प्रेमपाल सिंह ने जामुड़िया में आज विधायक कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन किया। उन्होंने कहा कि हर साल बहुला में काली पूजा के मद्देनजर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें हर साल कई प्रतिष्ठित कलाकारों को बुलाया जाता है जो अपनी कला की छटा बिखरते हैं। इस साल भी वैसा ही कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें बांग्ला के प्रसिद्ध गायिकाओं को बुलाया गया था उसके उपरांत 3 तारीख को मशहूर भोजपुरी सिंगर पवन सिंह का कार्यक्रम रखा गया था। इसे लेकर कुछ बातें उत्पन्न हुई इसके उपरांत उन्होंने पुलिस प्रशासन से संपर्क किया। पुलिस प्रशासन ने बताया कि जिस जगह पर पवन सिंह जैसे एक बड़े कलाकार का कार्यक्रम रखा गया है वह जगह काफी छोटी है और पवन सिंह को देखने के लिए जितनी भीड़ आने की संभावना है। ऐसे में वहां पर उपयुक्त सुरक्षा इंतजाम उपलब्ध कराना प्रशासन के लिए संभव नहीं हो पायेगा। इसे देखते हुए प्रेमपाल सिंह ने कहा कि न सिर्फ पवन सिंह का कार्यक्रम बल्कि काली पूजा से जुड़े सभी कार्यक्रमों को रद्द किया जाता है सिर्फ मां काली की पूजा होगी और मेले का आयोजन किया जाएगा।
जब प्रेमपाल सिंह से पूछा गया कि बांग्ला पोखो नामक एक संगठन की तरफ से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है क्या कार्यक्रमों को रद्द करने के पीछे यह वजह है? इस पर प्रेमपाल सिंह ने कहा कि वह नहीं जानते कि यह संगठन क्या है और यह लोग क्यों विरोध कर रहे हैं वह सिर्फ इतना जानते हैं कि उन्होंने पुलिस प्रशासन से संपर्क किया और पुलिस प्रशासन की तरफ से कहा गया कि जिस मैदान में पवन सिंह के आने की संभावना है। उस मैदान पर पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किया जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि बंगाल में हिंदी भाषियों को जितना प्यार ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी द्वारा दिया गया है उतना हिंदी भाषी क्षेत्र यूपी बिहार में नहीं मिलता है इसलिए एक हिंदी भाषी बंगाली होने के नाते उन्हें कोई गिला या शिकवा नहीं है। जो भी संगठन इसका विरोध कर रहे हैं उनको यह समझने की आवश्यकता है कि बंगाल गंगा जमुनी तहजीब की धरती है यहां पर सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं चाहे वह किसी भी धर्म या भाषा-भाषी हो। बांग्ला पोखो नामक संगठन किस तरह से काम करता है यह भी किसी से छिपा हुआ नहीं है। कलाकार की कोई जात नहीं होती या उसका कोई धर्म नहीं होता उसकी पहचान सिर्फ उसकी कला होती है। प्रेमपाल सिंह ने कहा कि हो सकता है कि पवन सिंह ने कभी अपने गानों के जरिए किसी की भावनाओं को आहत किया हो लेकिन शायद ही ऐसा कोई कलाकार होगा जिसने कभी ना कभी किसी न किसी की भावनाओं को आहत नहीं किया हो। ऐसे में इस तरह से किसी कलाकार का विरोध करना उचित नहीं है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बंगाल की धरती काजी नज़रुल इस्लाम रविंद्र नाथ टैगोर की धरती है। यहां पर सभी के लिए अपार स्नेह और प्यार रहता है ठीक जिस तरह से यूपी बिहार या अन्य हिंदी भाषी राज्यों में बंगाल के कलाकारों को प्यार दिया जाता है उन्हें सर माथे बिठाया जाता है ठीक उसी तरह यहां पर भी हिंदी भाषी कलाकारों को वैसा ही सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि कुछ संगठन इस तरह का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से और सभी हिंदी भाषी जनता से यह अनुरोध किया कि वह इस मामले को ज्यादा तूल न दें और इस मामले को यहीं समाप्त करें और काली पूजा को खुशी-खुशी मनाएं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बंगाल के जो कलाकार अन्य प्रदेशों में अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं उन पर भी किसी तरह की आंच नहीं आनी चाहिए।