टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : बांग्लादेश के इस्कॉन साधु चिन्मय कृष्ण दास को झूठे आरोपों में गिरफ़्तार किया गया। इस्कॉन पर हमला, वहां हिंदुओं पर क्रूर अत्याचार और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान भारतीयों में आक्रोश पैदा कर रहा है। इस घटना के बाद कोलकाता के कई निजी अस्पतालों ने बांग्लादेशी मरीजों के बहिष्कार का आह्वान किया है। इसी तरह दुर्गापुर के बिधाननगर में एक निजी अस्पताल ने भी मरीजों का बहिष्कार करने का फैसला किया है। दस दिनों से यह अस्पताल बांग्लादेशी मरीजों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
अस्पताल के अधिकारियों ने यह भी कहा है कि जब तक बांग्लादेश में स्थिति सामान्य नहीं हो जाती और भारत से माफ़ी नहीं मांग लेता, तब तक किसी भी बांग्लादेशी मरीज़ को सेवा नहीं दी जाएगी। अस्पताल के निदेशक पंकज मुखर्जी ने कहा, "बांग्लादेश में हिंदुओं को व्यवस्थित तरीके से सताया जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का भी अपमान किया जा रहा है। इसलिए, हमने विरोध स्वरूप बांग्लादेशी मरीजों का बहिष्कार करने का फैसला किया है।" "वहां के मेडिकल संगठन को भी ईमेल के ज़रिए यह बात बता दी गई है। कोई भी नया बांग्लादेशी मरीज़ पंजीकृत नहीं किया जा रहा है। हम तब तक इसी तरह विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे जब तक वहां की सरकार स्थिति को सामान्य नहीं कर लेती और भारत से माफ़ी नहीं मांग लेती।"