टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : हम दिन-ब-दिन आधुनिक होते जा रहे हैं। आधुनिकता के स्पर्श से अब पूरी दुनिया मुट्ठी में है। लेकिन इस सदी में भी गांवों में कई जगहों पर अंधविश्वास (superstition) की काली छाया आज भी कायम है। देखा गया है कि जिन क्षेत्रों में शिक्षा की रोशनी नहीं पहुंची है वहां अंधविश्वास ने अपनी जड़ें जमा ली हैं। कुछ दिन पहले अंडाल के दक्षिणखंड गांव के डमरीबांध आदिवासी मोहल्ले में स्थानीय लोगों के एक समूह ने एक बूढ़ी आदिवासी महिला पर डायन होने का आरोप लगाया था। अंडाल (Andal) थाने में शिकायत दर्ज होते ही घटना के सिलसिले में आरोपी गुनिन समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और वे फिलहाल जेल की हिरासत में हैं। सुदूर पूर्व बर्धमान (East Bardhaman) से बाउल कलाकार (Baul artist) स्वपन दत्त बाउल सोमवार को अंडाल आये। उन्होंने अपने गीतों के माध्यम से गांव गांव में अंधविश्वास उन्मूलन का संदेश दिया। अंडाल के दक्षिण खंड गांव की खबर सुनने के बाद वह खुद सोमवार को अंडाल पहुंचे। अंडाल पोस्ट ऑफिस चौराहे के सामने उपथा डायनों को लेकर बाउल गीत गाए गए। उनका गाना सुनकर सड़क पर चल रहे कई लोग रुक गए। स्वपन बाबू ने कहा कि वह दक्षिणखंड के उस स्थान पर जाकर बाउल गीत के माध्यम से अंधविश्वास दूर करने का संदेश देना चाहते थे। लेकिन कुछ प्रशासनिक दिक्कतों के कारण वह वहां नहीं जा सके। स्वपन बाबू के बाउल गीत कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल विज्ञान मंच की अंडाल शाखा के सदस्य उपस्थित थे। पश्चिम बंगाल विज्ञान मंच की अंडाल शाखा के संपादक धनुर्धारी राय ने कहा कि विज्ञान मंच हमेशा लोगों को पूर्वाग्रह से मुक्त करने के लिए विभिन्न तरीकों से काम करता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही वैज्ञानिक मंच दक्षिणखंड के दमरीबांध आदिवासी मोहल्ले में जायेगा और लोगों के सामने अंधविश्वास की वैज्ञानिक व्याख्या पेश करेगा।