गहरे संकट में बंगाल की शिक्षा व्यवस्था, भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध रैली

 सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पश्चिम बंगाल के 26000 शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी गई, जिसके कारण पश्चिम बंगाल की शिक्षा व्यवस्था गहरे संकट में आ गई है। इसी को लेकर जामुड़िया मंडल 3 की ओर से अखलपुर ब्रिज से मंडलपुर बड़टोला ब्रिज तक रैली निकाली गई।

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Jagganath Mondal
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टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पश्चिम बंगाल के 26000 शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी गई, जिसके कारण पश्चिम बंगाल की शिक्षा व्यवस्था गहरे संकट में आ गई है। इसी को लेकर जामुड़िया मंडल 3 की ओर से अखलपुर ब्रिज से मंडलपुर बड़टोला ब्रिज तक रैली निकाली गई। इस विरोध रैली के माध्यम से भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शिक्षा में भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध जताया और योग्य शिक्षकों की तत्काल बहाली की मांग की।

यह कार्यक्रम मंडल 3 के अध्यक्ष प्रदीप बनर्जी और संतोष सिंह के नेतृत्व में किया गया। उनके अलावा डॉ. प्रमोद तोमर पाठक, जामुड़िया विधानसभा के सह संयोजक साधन माझी, आसनसोल जिला युवा मोर्चा के महासचिव अनिरुद्ध चक्रवर्ती, राणा बनर्जी, निरंजन सिंह, दीनबंधु राय, छोटन चक्रवर्ती, सुबोध बावरी, मिथुन बावरी, उत्तम कुमार राय, सुधीर मजूमदार, भीम महतो, मिठू माझी समेत अन्य मौजूद थे। 

इस अवसर पर संतोष सिंह ने कहा कि 26000 शिक्षक शिक्षा सेवकों की नौकरी रद्द कर दी गई है, जिसमें से 19000 योग्य हैं, उन 19000 का ओएमआर शीट जारी कर उन्हें प्राथमिकता दी जाए और शेष 6000 की भी उचित नियुक्ति की जाए। साधन मांझी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कई बार सरकार को योग्य और अयोग्य शिक्षकों को अलग कर सूची जारी करने को कहा था, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके, जिसके कारण सभी शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी गई। 

उन्होंने कहा कि पात्र शिक्षकों की बहाली की मांग को लेकर यह रैली निकाली गई। इस बारे में दीप बनर्जी ने कहा कि कोर्ट ने कई बार पात्र और अपात्र शिक्षकों की सूची जारी करने को कहा था, लेकिन राज्य सरकार की ओर से ऐसा नहीं किया गया, जिसके कारण सभी शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी गई। उन्होंने कहा कि पात्र शिक्षकों की ओएमआर शीट जारी करनी होगी और उन्हें बहाल करना होगा, इसी मांग को लेकर यह रैली निकाली गई।