चमत्कारिक ढंग से प्रकट हुए करीब 800 साल पुराने मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़

अंडाल का विश्वेश्वरी का नीलकंठ मंदिर है जो करीब 800 साल पुराना है। मंदिर के पुजारी श्रीकांत बाबू ने बताया, कई साल पहले भुगर्भ से चमत्कारिक ढंग से बाबा प्रकट हुए थे।

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Ankita Kumari Jaiswara
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टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: आज श्रावण माह का पहला सोमवार है और सुबह से ही लगातार बारिश हो रही है। बाबा भोलानाथ को प्रसन्न करने के लिए अंडाल के विश्वेश्वरी नीलकंठ मंदिर में सुबह से हो रही बारिश को नजरअंदाज कर भक्तों की उमड़ी भीड़ का नजारा देखने लायक था। 

कहा जाता है कि यह अंडाल का विश्वेश्वरी का नीलकंठ मंदिर है जो करीब 800 साल पुराना है। मंदिर के पुजारी श्रीकांत बाबू ने बताया, कई साल पहले भुगर्भ से चमत्कारिक ढंग से बाबा प्रकट हुए थे। उन्होंने कहा कि एक किंवदंती है कि एक बार इस क्षेत्र में जंगल था, एक गाय हर दिन एक विशेष झाड़ी में जाती थी और दूध देती थी। लोगों ने शंकाओं को दूर करने के लिए झाड़ीयों को साफ किया तो शिवलिंग निकला। तभी से इस शिवलिंग को बाबा नीलकंठ के नाम से जाना जाता है। सबसे पहले पर्ण कुटीर में छोटे रूप में बाबा की पूजा का आयोजन किया गया। समय के साथ धीरे-धीरे सब कुछ बदल गया। वर्तमान में भक्तों के दान से एक विशाल मंदिर का निर्माण किया गया है। हर साल की तरह इस साल भी श्रावण मास के पहले सोमवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही बाबा के मस्तक पर जल चढ़ाकर बाबा को प्रसन्न करने पहुंचे। कई श्रद्धालु अजय नदी से जल लाने और बाबा के सिर पर चढ़ाने के लिए पैदल नदी पार करते देखे गये।