टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: वामपंथी श्रमिक संगठन सीटु के बल्लभपुर पेपर मिल यूनियन की तरफ से आज पेपर मिल का गेट के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया। इस बारे में श्रमिक नेता हेमंत प्रभाकर ने कहा कि जनवरी महीने से पेपर मिल के श्रमिकों का वेतन बाकी है। इसे लेकर श्रमिक संगठन की तरफ से राज्य सरकार श्रम दफ्तर को कहा गया था श्रमिकों के वेतन का 40% उनको मिला है, उसके बाद आश्वासन दिया गया था कि बाकी 60% वेतन भी दिया जाएगा और कारखाना को खोलने की प्रक्रिया भी की जाएगी। लेकिन ना तो अभी तक श्रमिकों के 60% वेतन मिला है, ना कारखाना खोलने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा कारखाने के अंदर से जरूरी सामानों की चोरी भी धड़ाधडल से हो रही है। इसे लेकर थाना प्रभारी से भी गुहार लगाई गई है कि वह इसमें हस्तक्षेप करें क्योंकि यह एक कानूनी मामला है और वह कारखाना प्रबंधन को कारखाना खोलें और श्रमिकों को उनका बकाया वेतन देने के लिए कहें। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो 17 तारीख के बाद एक बार फिर श्रम दफ्तर से गुहार लगाई जाएगी और उसके बाद अगर श्रमिक बड़े पैमाने पर आंदोलन करते हैं तो इसकी जिम्मेदारी कारखाना प्रबंधन की होगी।
वहीं दिव्येंदु मुखर्जी ने भी कारखाना खोलने और मजदूरों के बकाया वेतन देने की मांग की। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा आने वाला है ऐसे में श्रमिकों को उनका बकाया वेतन मिलना चाहिए और कारखाना फिर से खुलना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और टीएमसी के मिले भगत से कुछ और सामाजिक तत्व कारखाने में चोरियां कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार होता है और उसकी हत्या होती है। लेकिन कोई इंसाफ नहीं मिलता। पेपर मिल मजदूरों का वेतन रोक दिया जाता है, कारखाना बंद रहता है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं होती। लेकिन जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल को समर्थन करने के लिए झूठे मामले में वामपंथी नेता कलतान दास गुप्ता को फंसा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी डर गई है और इसी वजह से वह इस तरह के कदम उठा रही हैं।