राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़, कल्यानेश्वरी/सालानपुर: बंगाल-झारखंड सीमा (Bengal-Jharkhand border) पर स्तिथ डीवीसी मैथन (DVC Maithon) परियोजना भौगोलिक रूप से दो राज्यों में बंटा हुआ है, एक हिस्सा राइट बैंक मैथन झारखण्ड (Jharkhand) धनबाद जिला (Dhanbad district) में है, तो एक हिस्सा लेफ्ट बैंक सालानपुर ब्लॉक (Salanpur block) के देंदुआ ग्राम पंचायत (Dendua Gram Panchayat) अंतर्गत पश्चिम बंगाल (West Bengal) में आता है। ऐसे में डीवीसी की सबसे बड़ी धरोहर हाईडल भूमिगत पनबिजली केंद्र पश्चिम बंगाल की मानचित्र पर स्थित है। किन्तु मैथन परियोजना (Maithon project) के अधिकारियों ने गफलती में हाईडल पनबिजली केंद्र (hydel hydroelectric power) को धनबाद (झारखंड) बना दिया है। मंगलवार एक कार्यक्रम में जहाँ डीवीसी प्रबंधन द्वारा पनबिजली केंद्र में श्रमिकों के प्रवेश के लिए चेहरा-पहचान बायो-मीट्रिक प्रणाली का उदघाटन समारोह का आयोजन किया गया था, समारोह की पंडाल में एक बैनर लगाया गया था, जिसमें पश्चिम बंगाल का कही भी जिक्र नहीं किया गया था, बल्कि बैनर में दामोदर वैली कारपोरेशन मैथन डैम धनबाद अंकित था। यह नया मामला नही है जब डीवीसी प्रबंधन बंगाल को भूली है। बता दे कि मूल रूप से डीवीसी मैथन परिजना का मुख्य भाग हाईडल पन-बिजली केंद्र बंगाल में ही आता है बाउजूद इसके मैथन से हाइडल एंव लेफ्ट बैंक की सड़कों की अवस्था जर्जर है, स्ट्रीट लाइट भी लम्बे समय से खराब पड़े है इसके विपरीत झारखंड मैथन क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट एंव सड़को को डीवीसी प्रबंधन द्वरा चकाचक रखा गया है, जहाँ सड़कों को खराब होने से पहले ही मरम्मत कर दिया जाता है।
वहीं मामले को लेकर सालानपुर ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस महासचिव (Trinamool Congress General Secretary) भोला सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मैथन पनबिजली केंद्र देश के साथ साथ पश्चिम बंगाल का गौरव है, हाईडल के बिना डीवीसी का मैथन में कोई अस्तित्व नही है, और उस अस्तित्व की नींव बंगाल में है। बंगाल क्षेत्र की लेफ्ट बैंक के लिए डीवीसी प्रबंधन की सुरूआत से ही सौतेला व्यवहार रहा है, आशा है कि सभी अधिकारी पढ़े लिखे और शिक्षित होंगे, तो उन्हें पता होना चाहिए कहाँ बंगाल है और कहाँ झारखंड, गलतियों पर डीवीसी प्रबंधन सुधार करें।
वही मामलें को लेकर डीवीसी मैथन परियोजना प्रमुख (DVC Maithon project head) अंजनि कुमार दुबे से पूछने पर कहा कि डिवीसी मैथन कार्यलय धनबाद झारखण्ड के अधीन है, छुट्टी से लेकर अन्य नियम झारखंड से है, चुकी यहाँ बेनर में बंगाल होना चाहिये था, भूलवश ही ऐसा हुआ होगा।