टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : साल 2011 में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की राज्य में सरकार बनी। तब से, राज्य के लोगों को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विभिन्न परियोजनाओं से लाभ हुआ है, लेकिन इस बीच कुछ लोग अभी भी अंधेरे में रहने को मजबुर हैं। उदाहरण के तौर पर जामुड़िया विधानसभा अंतर्गत श्यामला ग्राम पंचायत के लोग इसी तरह वंचित हैं। खासकर पीने के पानी का संकट काफी बढ़ गया है। लेकिन वहां के लोगों को यह कष्ट क्यों झेलना पड़ा ?
यह स्पष्ट है कि यदि काम करने की न्यूनतम इच्छा हो तो प्रगति की जा सकती है। और उसका उदाहरण वर्तमान श्यामला ग्राम पंचायत प्रधान असित मंडल हैं! इन चंद महीनों में नये पंचायत मुखिया असित मंडल ने ऐसा क्या किया? गांव वाले उनकी खूब तारीफ कर रहे हैं!
उनके मुताबिक, 2023 के पंचायत चुनाव से पहले भी वे विभिन्न शिकायतें लेकर तत्कालीन मुखिया के पास गए थे, लेकिन किसी समस्या का समाधान नहीं हुआ, लेकिन 2023 में पंचायत चुनाव के बाद नवनिर्वाचित मुखिया असित मंडल ने मुखिया का पद संभाला और उनके सत्ता में आने के बाद यह जादू जैसा था। श्यामला ग्राम पंचायत के लोगों की बातों से एक बात तो साफ है कि अगर ये प्रधान यानी असित मंडल पहले आते तो उन्हें इतना समय कष्ट में नहीं गुजारना पड़ता। इन सबसे एक बात तो साफ है कि अगर काम करने की चाहत या ईमानदारी हो तो कोई भी काम पहुंच से बाहर नहीं होता। और उसी इच्छा को व्यक्त करते हुए वर्तमान पंचायत मुखिया असित मंडल पंचायत के लोगों के विकास के लिए समर्पित भाव से काम कर रहे हैं।