टोनी आलम, एएनएम न्यूज: इस्पात कारखाना के अधिकारी बायोमेट्रिक्स के जगह रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन शुरू करके श्रमिकों का नियंत्रण और श्रमिकों की सारी जानकारी निजी कंपनियों को सौंपना चाहते हैं, इन शिकायतों समेत कई मांगों को लेकर शुक्रवार की सुबह से दुर्गापुर इस्पात कारखाना के गेट के सामने कई श्रमिक संगठनों ने मिलकर संयुक्त आंदोलन शुरू किया। संयुक्त आंदोलन में तृणमूल श्रमिक संगठन के साथ कांग्रेस के श्रमिक संगठन INTUC, वामपंथी श्रमिक संगठन CITU, AITUC, HSMS ও BMS भी शामिल हैं। उनका आरोप है कि केंद्रीय इस्पात मंत्रालय के अधीन दुर्गापुर इस्पात कारखाना अथॉरिटी स्थायी और अस्थायी श्रमिकों को विभिन्न तरीकों से वंचित कर रही है। पूजा के सामने बोनस देने के लिए इस्पात कारखाना के अधिकारी कई बहाने बना रही है। 39 महीने का एरिया भी बकाया है। लंबे समय से वेतन अनुबंध को लेकर भी दिक्कतें आ रही हैं और अस्थायी कर्मियों को उचित वेतन भी नहीं दिया जा रहा है।
लेकिन केंद्रीय इस्पात मंत्रालय के अधीन दुर्गापुर इस्पात कारखाना का उत्पादन सबसे अधिक, केंद्रीय इस्पात मंत्रालय की चर्चा में यह बात चर्चा की गयी थी। इस उत्पादन में जिन लोगों का योगदान अहम है, उन्हें इस्पात कारखाना के अधिकारी वंचित कर रहे हैं, ऐसी शिकायत दुर्गापुर इस्पात कारखाना के सीटू नेता बिस्वरूप बनर्जी, आईएनटीटीयूसी नेता स्नेहाशीष घोष, बीएमएस संपादक अरूप रॉय समेत आंदोलन में शामिल हुए श्रमिक संगठनों के नेताओं ने की। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गयीं तो पूजा के दौरान भी आंदोलन लगातार जारी रहेगा।