टोनी आलम, एएनएम न्यूज: वामपंथी श्रमिक संगठन सीटू सहित डीवाईएफआई ए आई डी डब्ल्यू ए एसएफआई ए आई के एस सहित सात वामपंथी संगठनों द्वारा औद्योगिक क्षेत्र जामुड़िया के कारखानों में आगामी 4 मई को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसे लेकर आज एक संवाददाता सम्मेलन किया गया। इस संदर्भ में पत्रकारों से बात करते हुए इन संगठनों के नेताओं ने कहा कि वामफ्रंट के जमाने में जब जमुड़िया औद्योगिक क्षेत्र में कारखाने बनाए जा रहे थे तब जमुड़िया नगर पालिका के तत्कालीन चेयरमैन तापस कवि के प्रयासों से कारखानों के मालिकों के साथ एक समझौता हुआ था। जिसमें यह कहा गया था कि इन कारखानों में योग्यता अनुसार स्थानीय लोगों को 30% के आधार पर रोजगार देना होगा, लेकिन जब 2011 में सत्ता परिवर्तन हुआ, उसके बाद से यहां के युवाओं को रोजगार मिलना बंद हो गया।
उन्होंने कहा कि कारखानों से होने वाले प्रदूषण की मार यहां के लोग झेलते हैं लेकिन यहां के युवाओं को नौकरी नहीं मिलती। नेताओं का कहना है कि इस औद्योगिक क्षेत्र में बड़ी-बड़ी इमारतें बनाई जा रही हैं जहां बाहर से आए लोगों को रखा जा रहा है जो इन कारखानों में नौकरियां कर रहे हैं उनका साफ कहना था कि वह बाहरी युवाओं के यहां नौकरी करने के विरुद्ध नहीं है। लेकिन पहले यहां के युवाओं को योग्यता अनुसार नौकरियों में नियुक्ति देनी होगी। उसके बाद जो रिक्त पद बचेंगे उनमें बाहरी लोगों की नियुक्ति करनी होगी, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। वहीं इन नेताओं ने एक और मुद्दा जिस पर प्रकाश डाला वह है 8 घंटे से ज्यादा के लिए श्रमिकों से काम करवाने का मुद्दा इनका कहना है कि विभिन्न कारखानों में श्रमिकों से 8 घंटे से ज्यादा काम करवाया जाता है जबकि मजदूरी उनको 8 घंटे की ही मिलती है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो यहां के लोगों को अपना सब कुछ बेच कर यहां से चले जाना होगा। इनका साफ कहना था कि इनका प्रमुख मुद्दा स्थानीय युवाओं को इन कारखानों में रोजगार उपलब्ध कराना है। इसी मुद्दे को सामने रखते हुए 4 मई को ज्ञापन सौंपा जाएगा। अगर इस पर भी कोई फायदा नहीं हुआ तो आने वाले समय में और बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा।