Bhoot Chaturdashi: ‘चौदह शाक’ खाने का ये है इतिहास

6वीं शताब्दी में लि‍खी गई रघुनंदन ठाकुर की किताब “कृत्य-तत्व” में पहली बार भूत चतुर्दशी (Bhoot Chaturdashi) के दिन चौदह शाक (fourteen sak) खाने की परंपरा का जिक्र किया गया था।

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Kalyani Mandal
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history of chodha saag

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: 16वीं शताब्दी में लि‍खी गई रघुनंदन ठाकुर की किताब “कृत्य-तत्व” में पहली बार भूत चतुर्दशी (Bhoot Chaturdashi) के दिन चौदह शाक (fourteen saag) खाने की परंपरा का जिक्र किया गया था। इस किताब में बताया गया था कि जो लोग कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को 14 प्रकार के साग खाते हैं उन्हें प्रेतों की छाया छू भी नहीं सकती। ऐसी भी मान्यता है कि शाक चतुर्दशी मनाने की शुरुआत साकलद्वीपी ब्राह्मणों (Sakaldvipi Brahmins)ने ही की थी।  महाभारत(Mahabharat) में भी इस चौदह शाक का जिक्र है।