एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: पश्चिम बंगाल साइबर क्राइम विंग और बिधाननगर पुलिस ने भारत-दुबई-श्रीलंका और कैरेबियाई द्वीप समूह में फैले अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध गिरोह का भंडाफोड़ किया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 250 करोड़ रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी में 17 को गिरफ्तार किया गया है। बिधाननगर साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज करीब 1.13 करोड़ रुपये के निवेश धोखाधड़ी के मामले की जांच करते हुए पश्चिम बंगाल साइबर क्राइम विंग और बिधाननगर पुलिस ने कोलकाता और बिहार के मुजफ्फरपुर से 17 लोगों को गिरफ्तार किया है और एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ किया।
मामले में शिकायतकर्ता ने बताया कि वह एक ‘फिशिंग’ वेबसाइट से देश की एक प्रतिष्ठित वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी का ऐप डाउनलोड करने के लिए तैयार हो गया। कहने की जरूरत नहीं कि ऐप फर्जी है। गिरफ्तार किए गए 17 लोगों में से दो को मुजफ्फरपुर से, सात को कोलकाता के एक पांच सितारा होटल से और छह को दक्षिण कोलकाता के एक कार्यालय से गिरफ्तार किया गया, जिसे ‘मिउल’ या गुमनाम खाते खोलने के उद्देश्य से खोला गया था। एक निजी बैंक की नागेरबाजार शाखा के एक वरिष्ठ कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया गया, जिसका काम गिरोह के सदस्यों को बैंक में कई ‘चालू खाते’ खोलने में मदद करना था।
गिरफ़्तार किए गए लोगों में से तीन लोग गिरोह के सरगना हैं। सिलीगुड़ी के अभिषेक बंसल, गुजरात के मयंक चौधरी और फ़रीदाबाद के अमित जिंदल। ये सभी भारतीय नागरिक हैं जो वर्तमान में दुबई में रहते हैं और पाँच सितारा होटलों में ठहरकर ‘मिउल ’ या फ़र्जी खाता नेटवर्क की देखरेख करने के लिए कोलकाता आते थे। तीनों के कबूलनामे के अनुसार, उन्होंने अब तक पूरे भारत में लगभग 2,500 ‘मिउल’ खाते खोले हैं। हालाँकि इस अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध गिरोह का केंद्र दुबई था लेकिन इसके संचालन क्षेत्र भारत और श्रीलंका थे और इसका मुख्य सरगना सिलीगुड़ी का चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिषेक बंसल है।