Ajab Gajab: पोते को स्‍कूल छोड़ने की उम्र में खुद दादा चले पढ़ने

कहावत है कि किसी भी अच्छे काम (Good Work) के लिए ना तो कभी उम्र बाधा बनती है और ना ही कोई अड़चन आड़े आती है। सिर्फ कुछ कर गुजरने की है जरूरत। मिजोरम(mijoram) के 78 साल के लालरिंगथारा उनमें से ही एक हैं।

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Kalyani Mandal
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : कहावत है कि किसी भी अच्छे काम (Good Work) के लिए ना तो कभी उम्र बाधा बनती है और ना ही कोई अड़चन आड़े आती है। सिर्फ कुछ कर गुजरने की है जरूरत। मिजोरम(mijoram) के 78 साल के लालरिंगथारा उनमें से ही एक हैं। 70 साल की उम्र के बाद जब लोग सामान्य तौर पर सोचना शुरू कर देते हैं कि अब तो आराम करने का वक्त आ गया है लेकिन लालरिंगथारा की लाखों लोगों के लिए किसी प्रेरणा (Inspiration) से कम नहीं। उनका पढ़ाई के प्रति जज्बा बताता है कि उम्र मायने नहीं रखती। अब लालरिंगथारा इस उम्र में पढ़ाई करने के लिए क्लास 9 में दाखिला लिया है और हर रोज करीब 3 किमी की दूरी पैदल तय कर रोज स्कूल जाते हैं। उनकी ख्वाहिश है कि वो अंग्रेजी में अर्जी लिखने के साथ टीवी पर समाचार को देख सकें।