एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: भारत सरकार पहले ही 'विकसित भारत' का संकल्प ले चुकी है। इनमें आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, सामाजिक प्रगति और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना शामिल है। और आर्थिक विकास के लिहाज से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस या यूपीआई सबसे तेज भुगतान प्रणाली है।
इस मामले में भी भारत का दुनिया के डिजिटल लेनदेन में लगभग 46 प्रतिशत का प्रमुख योगदान है। आरबीआई गवर्नर के मुताबिक, भारत में खुदरा डिजिटल भुगतान पिछले 12 वर्षों में 90 गुना बढ़ गया है। यह भी बताया गया है कि 2023 तक, UPI एक दिन में 42 करोड़ लेनदेन संसाधित कर रहा है।
बाद में यह सीमा अरबों लेनदेन के लिए अंतिम बिंदु तक भी पहुंच जाएगी। एनपीसीआई के अनुसार, यूपीआई के माध्यम से किए गए भुगतान की मात्रा में साल-दर-साल 61 प्रतिशत की वृद्धि और लेनदेन मूल्य में 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था को समृद्ध करेगी। डिजिटल भुगतान के माध्यम से लेनदेन से काले धन के लेनदेन की संभावना भी कम हो जाएगी।