इस साल ऐसे मनाएं मातृभाषा दिवस

सत्तारूढ़ पाकिस्तान पूर्वी पाकिस्तान को भी उर्दू में परिवर्तित करना चाहता था। लेकिन पूर्वी पाकिस्तान की मांग एक ही थी; बांग्ला को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया जाना चाहिए। इसी इतिहास के आसपास शहीद दिवस आंदोलन की शुरुआत हुई। 

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Jagganath Mondal
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Bangla Bhasa

Mother Language Day

एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: पाकिस्तान को धर्म के आधार पर दो अलग-अलग प्रदेशों में बाँटा गया था। पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान। इस भू-विभाजन में भाषा के मानदंड भी बदल दिये गये थे। जहाँ पश्चिमी पाकिस्तान की मुख्य भाषा उर्दू थी, वहीं पूर्वी पाकिस्तान की मुख्य भाषा बंगाली थी।

सत्तारूढ़ पाकिस्तान पूर्वी पाकिस्तान को भी उर्दू में परिवर्तित करना चाहता था। लेकिन पूर्वी पाकिस्तान की मांग एक ही थी; बांग्ला को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया जाना चाहिए। इसी इतिहास के आसपास शहीद दिवस आंदोलन की शुरुआत हुई।

21 फरवरी, 1952 को जब बर्बर पुलिस ने आंदोलनकारी छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर गोलीबारी की तो रफीक, सलाम, अब्दुल जब्बार, शफीउल, बरकत और कई अन्य युवा शहीद हो गए। तब से इस दिन को शहीद दिवस के रूप में जाना जाता है। हालाँकि, बाद में 21 अक्टूबर 2010 को बांग्लादेश ने संयुक्त राष्ट्र के 65वें सत्र में हर साल 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का प्रस्ताव लाया, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। तभी से मातृभाषा दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाने लगा। पूर्वी बंगाल हो या पश्चिम बंगाल, दोनों ही बंगालों में इस दिन का महत्व बहुत अधिक है। ऐसे में हर बंगाली 21 फरवरी के दिन खास शुभकामनाएं देना चाहता है। आज आपके लिए यहां कुछ मार्मिक बंगाली उद्धरण हैं -