बालिग़ को भी नाबालिग मानता है! तस्लीमा नाखुश

उनके बाहर खेलने और इनडोर क्षेत्र में प्रवेश करने के समय को प्रतिबंधित करेगा। वास्तव में चाहे वे (लड़कियों) कितनी भी बड़ी क्यों न हों, स्त्री-द्वेषी इस्लामी समाज लड़कियों को नाबालिग मानता है।"

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Jagganath Mondal
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Writer Taslima Nasreen

Writer Taslima Nasreen

एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : लेखिका तस्लीमा नसरीन इस्लामिया यूनिवर्सिटी द्वारा लड़कियों पर लगाए गए प्रतिबंधों से नाखुश हैं। उन्होंने एक खास पोस्ट किया।

उन्होंने लिखा, "लड़कियों को इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रावास में शाम 5:00 बजे से 5:30 बजे के बीच प्रवेश करना होगा। यह आदेश है। प्राप्तवयस्क (बालिग़) छात्र विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं। यह निश्चित रूप से कोई किंडरगार्टन या बच्चों के लिए डेकेयर नहीं है जो उनके बाहर खेलने और इनडोर क्षेत्र में प्रवेश करने के समय को प्रतिबंधित करेगा। वास्तव में चाहे वे (लड़कियों) कितनी भी बड़ी क्यों न हों, स्त्री-द्वेषी इस्लामी समाज लड़कियों को नाबालिग मानता है।"