एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: कल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल छात्र परिषद की स्थापना दिवस रैली से आरजी कर डॉक्टरों के आंदोलन के बारे में बात की थी। लेकिन आज उनका कहना है कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला जा रहा है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस बारे में तृणमूल नेता पर तंज कसा।
वे लिखते हैं, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "अगर एफआईआर दर्ज की गई तो जूनियर डॉक्टरों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा, उन्हें पासपोर्ट-वीजा नहीं मिलेगा।" ममता बनर्जी इस स्पष्टीकरण के साथ खुद को और भी मुश्किल में डाल रही हैं। मेडिकल छात्रों को धमकाना उनके लिए शर्म की बात है, जो अपनी सहकर्मी, एक युवा महिला डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे थे, जिसका आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बेरहमी से बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।
क्या कोई उम्मीद कर सकता है कि अगर मुख्यमंत्री खुद अपराधियों का बचाव कर रही हैं और विरोध प्रदर्शनों को पटरी से उतारने की हर संभव कोशिश कर रही हैं तो न्याय मिलेगा? उन्होंने कोलकाता पुलिस कमिश्नर के साथ मिलकर पहले ही महत्वपूर्ण सबूत मिटा दिए हैं, जिससे एजेंसियों के लिए अपराधियों को ढूंढना मुश्किल हो गया है, जिनमें से कई टीएमसी से जुड़े शक्तिशाली परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। जब तक ममता बनर्जी पद से हटकर खुद को पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए नहीं भेजतीं, तब तक इस जघन्य बलात्कार और हत्या के पीछे के आपराधिक सिंडिकेट की सच्चाई सामने नहीं आएगी। बंगाल की स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर उन्हें बहुत कुछ जवाब देना है।