एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : कर्मचारी की सेवानिवृत्ति बकाया राशि का भुगतान न करने के लिए आधारहीन मामला देर से दायर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। याचिकाकर्ता 2007 से अपनी सेवानिवृत्ति बकाया राशि पाने के लिए लड़ाई लड़ रहा है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ अनुशासन भंग करने की शिकायत को खारिज कर दिया और उसे अपना बकाया भुगतान करने को कहा। लेकिन राज्य ने उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
सुप्रीम कोर्ट इस बात से नाराज है कि सेवानिवृत्ति के बाद भी पहली नोटिस की तरह ही शिकायत दर्ज की गई। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें 18 साल बाद भी पेंशन नहीं मिल रही है। सिर्फ प्रोविजनल पेंशन दी जा रही है। ऐसे में राज्य को चार हफ्ते के भीतर याचिकाकर्ता की सारी सेवानिवृत्ति बकाया राशि का भुगतान करना होगा। साथ ही, 10 लाख रुपये का जुर्माना भी उसी अवधि के भीतर उन्हें सौंपना होगा।