स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: कोलकाता का मतलब है कला-शिक्षा-संस्कृति और पुरानी परंपराओं का संगम। इसलिए यह शहर हमेशा से हमारे देश की शिक्षा संस्कृति के केंद्र के रूप में जाना जाता है। हमारे प्यारे शहर ने वर्षों से कई ऐतिहासिक घटनाओं को देखा है। आज भी बंगाल (पश्चिम बंगाल) में कई ऐसे इतिहास बिखरे पड़े हैं, जिनके बारे में कोई नहीं जानता।
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तो शायद कई लोगों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि बंगाल में एक ऐसा शहर भी है, जिसे 'पश्चिम बंगाल का ऑक्सफोर्ड' कहा जाता है। यह शहर पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में स्थित है, जो श्री चैतन्य महाप्रभु की जन्मस्थली और लीलाक्षेत्र के लिए प्रसिद्ध है। जी हाँ, आप सही कह रहे हैं, हम नवद्वीप की बात कर रहे हैं। अब यह शहर एक नगरपालिका क्षेत्र है, लेकिन अतीत में बंगाल के सेन राजाओं (1159 - 1206) के समय में यह शहर बंगाल की प्राचीन राजधानी थी।
नवद्वीप ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसलिए बंगाल के इतिहास पर नजर डालें तो पता चलेगा कि राजा लक्ष्मण सेन के बाद जब बख्तियार के खिलजी ने इस शहर पर विजय प्राप्त की और 1202 में बंगाल में मुस्लिम साम्राज्य की शुरुआत की, तब यह शहर शिक्षा का केंद्र था। बाद में इस शहर को 'बंगाल ऑक्सफोर्ड' (पश्चिम बंगाल का ऑक्सफोर्ड) कहा जाने लगा। इस शहर में कुल 18 हाई स्कूल हैं। जिनमें से एक है नवद्वीप बकुलतला हाई स्कूल, नवद्वीप हिंदू स्कूल, नवद्वीप शिक्षा मंदिर, आर. सी. बी. सारस्वत मंदिर इसके अलावा नेशनल स्कूल, तारासुंदरी गर्ल्स (हाई) स्कूल, नवद्वीप गर्ल्स स्कूल। इसके अलावा कल्याणी विश्वविद्यालय के अंतर्गत नवद्वीप विद्यासागर महाविद्यालय भी है।
2011 की जनगणना के अनुसार शहर की कुल जनसंख्या 1,75,474 है। इनमें 51.75% पुरुष और 48.25% महिलाएँ हैं। ज्ञातव्य है कि इस शहर की 7.44% जनसंख्या 6 वर्ष या उससे कम आयु की है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बंगाल के ऑक्सफोर्ड (पश्चिम बंगाल का ऑक्सफोर्ड) के नाम से मशहूर इस शहर में कुल साक्षरता दर 87.57% है।