स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: इसरो (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने बताया कि भारत के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य-एल1’ (Aditya-L1) के सफल प्रक्षेपण के साथ देश कुछ पूर्वानुमान मॉडल विकसित कर सकता है और जलवायु परिवर्तन (Climate change) से निपटने के लिए भी एक योजना तैयार कर सकता है।
श्रीहरिकोटा (Sriharikota) से आदित्य उपग्रह को ले जाने वाले पीएसएलवी-सी57 की सफल उड़ान के बाद जी माधवन नायर ने बताया कि विभिन्न घटनाओं को समझने के लिए सौर सतह का अध्ययन करना बहुत महत्वपूर्ण है जो ‘‘हमारी स्थानीय मौसम स्थितियों को तुरंत प्रभावित करती हैं।’’