एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: संसद में तीन विधेयकों पर बहस का जवाब देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इन तीनों नए कानूनों के जरिए गुलामी की मानसिकता से मुक्त कराया गया है। इसमें न्याय, समानता और निष्पक्षता को समाहित किया गया है। 150 साल पुराने अंग्रेजों के जमाने के कानून में बदलाव किया गया है। ये कानून पारित होने के बाद पूरे देश में एक ही प्रकार की न्याय प्रणाली होगी। न्याय प्रणाली में समानता लाई जाएगी। उन्होंने कहा किपुलिस और नागरिक के अधिकारों के बीच संतुलन किया गया है। इससे सजा करने का प्रतिशत बढ़ेगा। साइबर क्राइम का भी बहुत प्रावधान किए हैं। तीनों कानून 150 सालों के बाद बदले जा रहे हैं। इन कानूनों के आधार पर इस देश की अपराधिक प्रणाली चलनी है। न्याय, समानता और निष्पक्षता को समाहित किया गया है। फॉरेंसिक साइंस को समाहित किया गया है। इन कानूनों के माध्यम से जल्दी मिले।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (CRPC) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी, 177 धाराओं में बदलाव हुआ है। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं, 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं। 44 नए प्रोविजन और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं। 35 सेक्शन में टाइम लाइन जोड़ी हैं और 14 धाराओं को हटा दिया गया है।