स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: छोटी बचत से गारंटीड कमाई के लिए पोस्ट ऑफिस की स्माल सेविंग्स स्कीम्स जबरदस्त हैं। सरकार की एक ऐसी स्कीम है, जिसमें पति-पत्नी ज्वाइंट अकाउंट के जरिए हर महीने गारंटीड इनकम कर सकते हैं। इसमें सिर्फ एकमुश्त निवेश करना होता है। पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (POMIS) की मदद से आप यह इनकम कर सकते हैं। पोस्ट ऑफिस की MIS स्कीम में ज्वॉइंट अकाउंट खोलने की सुविधा है।
इस स्कीम में सिंगल और ज्वॉइंट (3 व्यक्ति तक) दोनों अकाउंट खोले जा सकते हैं। MIS अकाउंट में सिर्फ एक बार निवेश करना होता है। इसकी मैच्योरिटी 5 साल की होती है। MIS को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से ब्याज दर बढ़ाकर 7।4 फीसदी कर दिया है। इसके साथ ही निवेश की सीमा में भी इजाफा किया है।
ऐसे तय होती है मंथली इनकम-
पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम के तहत सिंगल अकाउंट में मैक्सिमम 9 लाख रुपये जमा कराए जा सकते हैं, जबकि ज्वॉइंट अकाउंट में 15 लाख रुपये मैक्सिमम डिपॉजिट लिमिट है। अभी इस स्कीम में 7।4 फीसदी का सालाना ब्याज मिल रहा है। अगर आप चाहें तो आपका कुल प्रिंसिपल अमाउंट 5 साल की मेच्योरिटी पीरियड के बाद वापस मिल जाएगा। वहीं, इसे आगे 5-5 साल और बढ़ा सकते हैं। हर 5 साल बाद ऑप्शन होगा कि अपना प्रिंसिपल अमाउंट ले सकते हैं या स्कीम आगे बढ़ा सकते हैं। अकांउट पर मिलने वाले ब्याज का भुगतान आपके डाक घर के सेविंग्स अकाउंट हर महीने किया जाता है।
पति-पत्नी को ₹9250 की मंथली इनकम-
पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में मंथली इनकम की गारंटी है। मान लीजिए, पति-पत्नी ने ज्वॉइंट अकाउंट खुलवाया है और उसमें 15 लाख रुपये जमा कराए हैं। इस पर 7।4 फीसदी की दर से 1,11,000 रुपये सालाना ब्याज बनता है। इसे 12 महीनों में बांटें तो आपको हर महीने 9250 रुपये मिलेंगे। नियम के मुताबिक, MIS में दो या तीन लोग मिलकर भी ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं। इस अकाउंट के बदले में मिलने वाली आय को हर मेंबर को बराबर दिया जाता है। ज्वाइंट अकाउंट को कभी भी सिंगल अकाउंट में कन्वर्ट करा सकते हैं। सिंगल अकाउंट को भी ज्वाइंट अकाउंट में कन्वर्ट करा सकते हैं। अकाउंट में किसी तरह का बदलाव करने के लिए सभी अकाउंट मेंबर्स की ज्वाइंट एप्लीकेशन देनी होती है।
कौन खुलवा सकता है अकाउंट?
पोस्ट ऑफिस की मंथली इन्वेस्टमेंट स्कीम कोई भी देश का नागरिक खोल सकता है चाहे वह एडल्ट हो या माइनर। अपने बच्चे के नाम से भी अकाउंट खोल सकते हैं। अगर बच्चा 10 साल से कम उम्र का है तो उसके नाम पर उसके माता-पिता या कानूनी अभिभावक की ओर से अकाउंट खोला जा सकता है। बच्चे की उम्र 10 साल होने पर वह खुद भी अकाउंट के संचालन का अधिकार पा सकता है।