तैरता हुआ हवाई अड्डा और सुदूर द्वीपों पर होगा हवाई क्षेत्र

स्वराज द्वीप, शहीद द्वीप और लॉन्ग आइलैंड में जल हवाई अड्डे बनाए जा रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "इन तीनों द्वीपों में पानी में विशेष रूप से बनाए गए तैरते हवाई अड्डों पर 19 सीट वाले विमानों के पोर्ट ब्लेयर से उड़ान भरने और उतरने की योजना है।

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Jagganath Mondal
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Floating airport

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एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार जल हवाई अड्डों को अंतिम रूप दे रही है और छोटे हवाई अड्डों का निर्माण कर रही है। एएनएम न्यूज से विशेष बातचीत में वरिष्ठ विमानन अधिकारियों ने बताया कि अंडमान के स्वराज द्वीप, शहीद द्वीप और लॉन्ग आइलैंड में जल हवाई अड्डे बनाए जा रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "इन तीनों द्वीपों में पानी में विशेष रूप से बनाए गए तैरते हवाई अड्डों पर 19 सीट वाले विमानों के पोर्ट ब्लेयर से उड़ान भरने और उतरने की योजना है।" 

विमानन मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि कैंपबेल बे, कार निकोबार और शिबपुर में छोटे हवाई अड्डे बनाए जा रहे हैं और इन दूरदराज के द्वीपों को पोर्ट ब्लेयर से उड़ानों के जरिए जोड़ा जाएगा। सूत्रों ने बताया कि सभी बुनियादी सुरक्षा मंजूरी और बुनियादी ढांचा सुविधाएं स्थापित की जा रही हैं और युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। 

सूत्रों ने बताया कि नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो ने इन क्षेत्रों में तैरते हवाई अड्डों और छोटे हवाई अड्डों में आंतरिक सुरक्षा मानचित्र तैयार करने में सराहनीय काम किया है। वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, इस साल से सेवाएं शुरू होने की उम्मीद है। हवाई संपर्क से अंडमान में पर्यटन में सुधार होने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का कहना है कि अब दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी होगी, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।