एएनएम न्यूज, ब्यूरो: मस्जिदों में लगाए गए लाउडस्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने मुंबई पुलिस पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले में उनकी निष्क्रियता अदालत की अवमानना है। मस्जिदों के लाउडस्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ शिकायतें मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस को फटकार लगाई है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा, "मस्जिदों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर कार्रवाई करने में विफलता अदालत की अवमानना के बराबर है।" साथ ही कोर्ट ने मुंबई पुलिस को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मुंबई पुलिस को ध्वनि प्रदूषण की शिकायतों पर उसकी निष्क्रियता के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने अधिकारियों को याद दिलाया कि 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी सार्वजनिक स्थान पर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच तेज आवाज वाले उपकरणों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह पाबंदी लाउडस्पीकर के जरिए तेज आवाज में गाने बजाने, पटाखे फोड़ने और जरूरत से ज्यादा हॉर्न बजाने पर भी है।