स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : अब न्याय (Justice) की उम्मीद जगने लगी है पिछले 30 साल से इंसाफ की बाट जोह रहे कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को । केंद्र सरकार ने कश्मीरी पंडितों की मांग को मानते हुए वर्ष 1989 के दौर में हुए नस्लीय नरसंहारों (racial massacres) की जांच कराने का फैसला किया है। जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के रिटायर्ड जज नीलकंठ गंजू की गोली मारकर हत्या किए जाने के 33 साल बाद, जम्मू-कश्मीर की राज्य जांच एजेंसी (SIA) इस मामले की जांच शुरू की है और इस हत्याकांड के पीछे बड़ी आपराधिक साजिश का पता लगाने के लिए आम जनता से जानकारी मांगी।