छलका अधीर रंजन चौधरी का दर्द

अब सांसद का आवास खाली कर दिल्ली में उनको मकान भी लेना पड़ेगा। अधीर रंजन चौधरी ने ये भी कहा कि वो तो पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ना चाहते थे, लेकिन सोनिया गांधी के अनुरोध पर इस फैसले को वापस ले लिया था।

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Kalyani Mandal
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एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: 25 साल बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी को बहरमपुर सीट से हार का सामना करना पड़ा है। टीएमसी के यूसूफ पठान ने उनको हराया है। बहरमपुर सीट से पराजय के बाद अब अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस के नेतृत्व से नाराज लग रहे हैं। उन्होंने कई सवाल उठाए हैं और अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंता भी जताई है। मीडिया से बात करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बहरमपुर में कांग्रेस के किसी नेता ने आकर प्रचार नहीं किया। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि किसी नेता को बहरमपुर न भेजना कांग्रेस का फैसला है और उनको इस बारे में कुछ नहीं कहना है। अधीर रंजन चौधरी ने हालांकि अपनी नाराजगी भी संकेतों में जता दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जब मुर्शिदाबाद पहुंची थी, तो वह उसमें शामिल हुए थे। अधीर रंजन चौधरी ने ये भी कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पश्चिम बंगाल के मालदा में आकर प्रचार किया, लेकिन वो बहरमपुर नहीं आए।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वो तो सिर्फ सियासत ही जानते हैं। चौधरी ने कहा कि उनको आशंका है कि अब कठिन समय आने वाला है। अधीर रंजन चौधरी ने ये भी कहा कि टीएमसी की बंगाल सरकार से लड़ने के लिए उन्होंने अपने आय के स्रोत की भी अनदेखी कर दी। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनकी बेटी कभी-कभी पढ़ाई के सिलसिले में दिल्ली जाती रहती है। अब सांसद का आवास खाली कर दिल्ली में उनको मकान भी लेना पड़ेगा। अधीर रंजन चौधरी ने ये भी कहा कि वो तो पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ना चाहते थे, लेकिन सोनिया गांधी के अनुरोध पर इस फैसले को वापस ले लिया था।