ट्रेनों में धूम्रपान करते ही लाल बत्ती झपकेगी, रूक सकती है चलती ट्रेन

ट्रेनों में धूम्रपान करने की अपनी बुरी आदत जारी रखे हुए हैं, उन्हें इस समय ऐसी आदतें बंद कर देनी चाहिए क्योंकि ट्रेन के डिब्बों में स्मोक डिटेक्टर उन्हें तुरंत पकड़ लेंगे।

author-image
Jagganath Mondal
New Update
smoking in train 0111

smoking in trains

एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : जो धूम्रपान करने वाले लोग ‘धूम्रपाननिषेध’ बोर्ड और धूम्रपान के लिए जुर्माना लगाए जाने के बावजूद अभी भी ट्रेनों में धूम्रपान करने की अपनी बुरी आदत जारी रखे हुए हैं, उन्हें इस समय ऐसी आदतें बंद कर देनी चाहिए क्योंकि ट्रेन के डिब्बों में स्मोक डिटेक्टर उन्हें तुरंत पकड़ लेंगे। सूत्रों के मुताबिक ट्रेन के कोच में अब आग या धुआं निकलने ही पलक झपकते ही रेलवे को जानकारी मिल जायेगी। इसलिए अग्निशमन निवारक के रूप में, भारतीय रेलवे ने कोच में सभी प्रकार के धुएं या आग को रोकने के लिए फायर डिटेक्शन एंड ब्रेक एप्लिकेशन (एफडीबीए) सिस्टम स्थापित किया है। ऐसी स्थिति में भी सिस्टम अलर्ट मोड में चला जाएगा जिससे ट्रेन को रोकने के लिए स्वचालित ब्रेक लग सकते हैं। 

सिस्टम ऐसे काम करता है : 1) किसी भी प्रकार का धुआं उत्सर्जित (सिगरेट से भी हो सकता है) स्मोक सेंसर में पता चल जाता है। 2) किसी भी धुएं का नियंत्रण कक्ष में विश्लेषण किया जाता है। 3) यदि धुएं का घनत्व कम है तो नियंत्रण कक्ष अलर्ट देगा (लाल बत्ती झपकेगी)। 4) यदि धुआं जारी रहता है तो कोच के अंदर एक लाल बत्ती जलेगी। 5) यदि धुआं आगे बढ़ता है तो ब्रेक लगाना शुरू कर दिया जाएगा और ट्रेन रुक जाएगी। 6) 60 सेकंड के बाद एक घोषणा बजने लगेगी कि कृपया कोच को खाली कर दें क्योंकि आग लगने की संभावना है। जानकारी के अनुसार पूर्वी रेलवे में लंबी दूरी की ट्रेनों के 87 फीसदी एसी यात्री कोच (1092 में से 949) एफडीबीए प्रणाली लैस हो गई हैं और बाकी 143  कोचों में जल्द ही ऐसे उपकरण लगाए जाएंगे।