स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए ऋण की उपलब्धता बढ़ाने के लिए भारत सरकार को एनबीएफसी पर ब्याज सीमा हटा देनी चाहिए। विश्व बैंक ने अपनी नई रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को मजबूत करने से जुड़ी कई और सिफारिशें भी की गई हैं। एमएसएमई के लिए पर्याप्त वित्तपोषण प्रदान करने के लिए एनबीएफसी पर मौजूदा ब्याज सीमा को हटाकर उनकी ऋण देने की क्षमता को मजबूत किया जाना चाहिए। ताकि वे सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) की ओर से प्रदान की गई गारंटी के पात्र हो सकें।