अतीक-अशरफ के मौत के बाद क्या है 3000 मोबाइल स्विच ऑफ होने का राज

STF का कहना है कि अचानक नम्बरों के बंद होने से कई लोग रडार पर थे जिनके बारे में सब कुछ जानते हुए भी उनसे ज्यादा पूछताछ नहीं की जा रही थी। ऐसा इसलिए किया जा रहा था कि शायद इनके सम्पर्क में कोई आरोपित आ जाए तो उस तक पहुंचा जा सके।

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Ankita Kumari Jaiswara
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3000 mobile switches off

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: प्रयागराज में अतीक-अशरफ की हत्या (Atiq Murder Case) के बाद सर्विलांस पर लिए गए 3 हजार मोबाइल फोन अचानक बंद हो गए। उमेश पाल की हत्या के मामले में फरार शूटरों और मददगारों की तलाश के लिए इन नम्बरों को सर्विलांस पर लेकर सबूत जुटा रही थी। इसकी ठीक ठीक वजह का तो पता अभी नहीं चला है, लेकिन इससे जांच करने में दिक्कत आ रही है। अतीक-अशरफ की हत्या के बाद दूर दराज के रिश्तेदार और सम्पर्क में रहने वाले अब दहशत में आ गए हैं। अतीक के दूर दराज के रिश्तेदार तक इसे लेकर डरे हुए हैं और चाहते हैं कि जांच की आंच उन तक न आने पाए। सवाल यह भी है कि इतने ज्यादा मोबाइल नंबर एकसाथ बंद कैसे और क्यों हो गए। बता दें कि ये सभी नंबर प्रदेश के 22 जिलों में स्विच ऑफ हुए हैं। हालांकि इसमें सभी नंबर अतीक के गिरोह से जुड़े नहीं हैं। इसमें कई अन्य गिरोह के बदमाशों के भी नंबर हैं /

एक साथ इतने सारे मोबाइल नम्बर ऑफ हो जाने से जांच भी प्रभावित 

दरअसल पुलिस ने उमेश पाल की हत्या के बाद से शूटरों की तलाश के साथ ही अतीक-अशरफ के कई रिश्तेदारों और मददगारों के नंबर सर्विलांस पर लगाए थे। ताकि पुलिस को इस केस में मदद मिल सके और वो शूटर और इस हत्याकांड में शामिल फरार अन्य आरोपियों तक पहुंच सके, लेकिन अतीक-अशरफ की मौत के बाद से उसके रिश्तेदार और दोस्त सभी दहशत में आ गए हैं। इस हत्याकांड के बाद से बंद हुए 3 हजार नंबरों के कारण जांच में दिक्कत हो रही है। जांच प्रभावित ना हो इसके लिए अब एसटीएफ ने कॉल डिटेल के जरिए मुखबिरों की मदद ले रही है।

STF के एक अधिकारी ने बताया 

STF का कहना है कि अचानक नम्बरों के बंद होने से कई लोग रडार पर थे जिनके बारे में सब कुछ जानते हुए भी उनसे ज्यादा पूछताछ नहीं की जा रही थी। ऐसा इसलिए किया जा रहा था कि शायद इनके सम्पर्क में कोई आरोपित आ जाए तो उस तक पहुंचा जा सके।