स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: हमारे देश में प्याज उगने के दो मौसम होते हैं , एक मौसम वो, जब प्याज के दाम, किसानों की आंखों में आंसू लाते हैं और दूसरा मौसम वो, जब प्याज की कीमतें आम आदमी के आंसू निकाल देती हैं।
मार्च-अप्रैल का महीना में प्याज की कीमतें पांच साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थीं। किसानों को प्याज, सड़कों पर फेंकना पड़ रहा था। गुजरात की राजकोट मंडी में एक किसान को 472 किलो प्याज बेचने के बाद 495 रुपये मिले थे। जबकि प्याज को मंडी तक लाने में उनके 590 रुपये खर्च हो गए थे। वो प्याज का पहला मौसम था, जब किसान की आंखों में आंसू आ रहे थे। अब प्याज का दूसरा मौसम है, जब प्याज 70, 80, 90 और 100 रुपये किलो तक पहुंच गया है। नवंबर में प्याज की कीमत डेढ़ सौ रुपये किलो तक पहुंच सकती है, जिससे प्याज खरीदते वक्त आम जनता के आंसू निकलने लगे हैं।