स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: भारत कई समस्याओं का सामना कर रहा है जैसे जनसंख्या, प्रदूषण, प्लास्टिक कचरा यंहा तक की कई समुद्री जानवर भी प्लास्टिक कचरे के कारण मर जाते हैं। लेकिन अगर हम ये कहें कि भारत दूसरे देशों से कचरा खरीदता है। तो शायद आपको यकीन नहीं होगा। लेकिन हां, आपने सही सुना, यह सुनकर आपको अटपटा जरूर लग रहा होगा। लेकिन ये बिलकुल सच है और वो भी, एक या दो नहीं बल्कि भारत पुरे 25 देशों से चार हजार तीन सौ करोड़ का कचरा खरीदता है। अब सवाल ये उठता है कि भारत इतने कचरे का करता क्या है? तो आपको बता दे क्योंकि भारत के दूसरे देशों से कचरा खरीदने के पीछे एक नहीं बल्कि कई कारण है। हम आपको बता दें कि 1 टन पेपर को रिसाइकल करने से 17 पेड़ ढाई बैरल ऑयल 4000 किलोवाट बिजली, 4 किलोमीटर लैंडफिल और 31780 लीटर पानी की बचत होती है।
देश में एक नई तकनीक का आविष्कार हुआ है जिससे की कचरे के प्लास्टिक से सड़कें बनाई जा रही है। वही प्रोफेसर सतीश कुमार हैदराबाद में रहने वाले सतीश कुमार ने कचरे से पेट्रोल और डीजल का इंवेंशन किया है। यहीं नहीं राजस्थान के 17 साल के आदित्य वानर ने एक कंपनी बनाई जिसमें 1 दिन में 10000 टन प्लास्टिक कचरे को फैब्रिक में बदला जाता है।