एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : सुप्रीम कोर्ट के वकील और 20 साल के रिसर्च के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर किताब लिखनेवाले जॉयदीप मुखर्जी ने अपनी किताब में दावा किया है कि विमान दुर्घटना का कोई ठोस सबूत नहीं है।
रांची प्रेस क्लब में अपनी किताब चेका, द रोड ऑफ बोन्स का विमोचन के मौके पर उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन के दौरान एक निजी एजेंसी ने यह घोषित किया है कि सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को ताइहोकू विमान दुर्घटना में हुई थी, लेकिन विमान दुर्घटना का कोई ठोस सबूत नहीं है। ताइवान सरकार साफ कर चुकी है कि ऐसी कोई विमान दुर्घटना हुई ही नहीं थी।
एडवोकेट जॉयदीप मुखर्जी ने इस बात के समर्थन में तथ्य और सिद्धांत प्रस्तुत किए हैं कि सुभाष चंद्र बोस को जोसेफ स्टालिन के सोवियत रूस में आश्रय दिया गया था। उन्हें साइबेरिया की जेल में कैद किया गया था। सुभाष चंद्र बोस देश की आजादी के नायक थे और उनकी मृत्यु से जुड़े रहस्यों से पर्दा उठना चाहिए। उनके अलावा डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमयी मृत्यु के राज से पर्दा उठाया जाना चाहिए।