स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियां भी शुरू कर दी गई है। वही इस खास दिन के लिए 2 मंडप और 9 हवन कुंड भी तैयार किए जा रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते है प्रत्येक हवन कुंड से विशेष महत्व और उद्देश्य भी जुड़ा है।
बता दे हवन कुंड के निर्माण में आकार, लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई और गहराई आदि का खास ध्यान रखा जा रहा है। शास्त्रीय पद्धति को ध्यान में रखते हुए आठ दिशाओं के लिए आठ हवन कुंड बनाए जा रहे हैं। वहीं एक हवन कुंड आचार्य के लिए बनाया जाएगा।
दिशा |
हवन कुंड |
उद्देश्य |
पूर्व |
चौकोर कुंड |
सर्व सिद्धि दायक |
आग्नेय |
योनि कुंड |
पुत्र प्राप्ति और कल्याण |
दक्षिण |
अर्धचंद्राकार कुंड |
कल्याणकारी |
नैऋत्य |
त्रिकोण कुंड |
शत्रु नाश के लिए |
पश्चिम |
वृत्ताकार कुंड |
सुख-शांति के लिए |
वायव्य |
षडस्त्र कुंड |
मारण और उच्छेद |
उत्तर |
पद्म कुंड |
वर्षा के लिए |
ईशान |
अष्टासत्र कुंड |
आरोग्य के लिए |
ईशान और पूर्व के मध्य |
आचार्य कुंड |
समस्त सुखों के लिए |