आज बुद्ध पूर्णिमा, जानें पूजन विधि और महत्व

भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख मास की पूर्णिमा को हुआ था इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है। देश भर में आज बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा और सत्य विनायक पूर्णिमा भी कहते हैं।

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Sunita Bauri
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Budh Purnima 2023

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: बुद्ध पूर्णिमा (Budh Purnima) 05 मई 2023, शुक्रवार यानी आज मनाई जा रही है। बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) और सत्य विनायक पूर्णिमा भी कहते हैं। बौद्ध धर्म (Buddhism) के संस्थापक भगवान बुद्ध (Lord Buddha) का जन्म भी नेपाल की लुंबिनी नामक जगह पर इसी दिन हुआ था। इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। बुद्ध को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का नौवां अवतार बताया गया है। वैशाख पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और बुद्ध के साथ चंद्रदेव की पूजा का भी विधान है। 

शुभ मुहूर्त-

बुद्ध पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त की शुरुआत 04 मई यानी कल रात 11 बजकर 44 मिनट पर होगी और इसका समापन 05 मई को रात 11 बजकर 03 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा 05 मई यानी आज मनाई जा रही है। 

पूजन विधि- 

प्रात:काल में स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य देकर बहते जल में तिल प्रवाहित करें। पीपल के वृक्ष को भी जल अर्पित करना चाहिए। इस दिन चूंकि कुछ क्षेत्रों में शनि जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए शनिदेव की तेल, तिल और दीप आदि जलाकर पूजा करनी चाहिए। शनि चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं या फिर शनि मंत्रों का जाप कर सकते हैं। अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा भी अवश्य देनी चाहिए। 

महत्व- 

मान्यताओं के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने के बाद दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से जीवन में मौजूद कष्ट व दुख खत्म हो जाते हैं। साथ ही जाने-अनजाने में किए गए पापों से भी मुक्ति मिलती है। शास्त्रों के मुताबिक, बुद्ध पूर्णिमा के दिन सत्यविनायक व्रत रखना अत्यंत फलदायी होता है। इसका कारण यह है कि सत्यविनायक व्रत रखने से धर्मराज यमराज प्रसन्न होते हैं तथा व्रत करने वाले व्यक्ति के ऊपर से अकाल मृत्यु का ख़तरा टलता है इसीलिए इस दिन सफेद वस्तुएं जैसे कि चीनी, सफेद तिल, आटा, दूध, दही, खीर आदि दान करना शुभ माना जाता है।