स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बरगद के वृक्ष (banyan tree)में भगवान विष्णु (Lord Vishnu), ब्रह्मा (Brahma) और महेश (Mahesh) तीनों का वास होता हैं। अमावस्या तिथि (Amavasya Tithi) के दिन अगर वट वृक्ष की विधिवत पूजा की जाए तो इससे नौकरी और व्यापार में आने वाली समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ ही उन्नति के योग भी बनते हैं।
इसके अलावा ज्येष्ठ अमावस्या पर सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करने और तिल, दूध व तिल से निर्मित मिठाईयों का दान अगर गरीबों व जरूरतमंदों को किया जाए तो इससे सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और सुख में वृद्धि होती हैं। ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती भी है ऐसे में इस दिन पीपल के पेड़ की जड़ में कच्चा दूध, काले तिल, गंगाजल, चीनी, पुष्प, चावल और जल जरूर अर्पित करें साथ ही 'ॐ पितृभ्य: नम:' इस मंत्र का जाप भी करें। मान्यता हैं कि ऐसा करने से हर कार्य सफल होते हैं और सभी क्षेत्रों में साधक को सफलता भी मिलती हैं।