स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : हिंदू मान्यताओं के अनुसार मलमास(malmass) मे अधिक से अधिक समय धार्मिक अनुष्ठान व पूजा पाठ (prayer lesson) में लगाना उत्तम माना जाता हैं। इन दिनों में शुद्ध व सात्विक भोजन (pure food) ग्रहण करना चाहिए। साथ ही आचरण भी ऐसा ही रखना चाहिए। माना जाता हैं कि इस दौरान अगर एक ही समय भोजन किया जाए तो सेहत से जुड़े लाभ मिलते हैं।
अधिकमास में तिल, चना, मूंगफली, चावल, मटर, ककड़ी, सेंधा नमक, कटहल, गेहूं, सफेद धान, आम, पीपल, जीरा, सुपारी, मूंग, घी धनिया, मिर्च आदि का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा मलमास में पड़ने वाली प्रमुख तिथियों में उपवास रखना अच्छा माना जाता हैं। लेकिन इस दौरान भूलकर भी मलमास में लहसुन प्याज, मांस मदिरा, चावल का मांड, मूंग दाल, मसूर दाल, उड़द दाल, अंडे, नशीले पदार्थ, मछली, बासी भोजन,शहद, साग सब्जी, तिल का तेल, राई गोभी का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से सेहत को हानि पहुंचती (harm to health) है। साथ ही में व्यक्ति पाप का भागी भी होता हैं।