स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : पौष पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर सबसे पहले भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रणाम करें। इसके बाद स्नान आदि करें और साफ वस्त्रों को धारण कर मंदिर की साफ सफाई करें। फिर गंगाजल का छिड़काव कर मंदिर को शुद्ध करें। अब भगवान सूर्यदेव की विधिवत पूजा करें। उन्हें जल अर्पित।
भगवान विष्णु की पंचोपचार पूजन करें। श्री हरि को पीले फल, पुष्प, हल्दी, जौ, अक्षत अर्पित करें। माता लक्ष्मी को पुष्पों की माला, चुनरी और श्रृंगार का सामान अर्पित करें। फिर विष्णु चालीसा का पाठ करें और आरती कर सभगवान को भोग लगाएं। इसके बाद भूल चूक के लिए क्षमा मांगकर अपनी प्रार्थना कहें। इसके बाद सभी में प्रसाद का वितरण करें। मान्यता है कि इस विधि से पूजा पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।