Spiritual : जानिए देवघर में क्यों नहीं जलता है रावण?

पूरे देश में दशहरे पर जगह-जगह पर रावण और कुंभकर्ण के विशालकाय पुतले जलाए जा रहे हैं, लेकिन झारखंड के देवघर शहर में ऐसे आयोजन को निषिद्ध माना जाता है। देवघर में भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक कामना महादेव स्थापित हैं।

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Kalyani Mandal
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : पूरे देश में दशहरे पर जगह-जगह पर रावण (Ravana) और कुंभकर्ण के विशालकाय पुतले जलाए जा रहे हैं, लेकिन झारखंड के देवघर (Deoghar) शहर में ऐसे आयोजन को निषिद्ध माना जाता है। 

देवघर में भगवान शंकर (Lord Shankar) के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक कामना महादेव स्थापित हैं। जिनकी ख्याति रावणेश्वर महादेव के रूप में भी है। मान्यता है कि लंकाधिपति रावण इस ज्योतिर्लिंग (Jyotirlinga) को लंका ले जा रहे थे, लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनी कि इसकी स्थापना देवघर में ही हो गई। इसलिए  इस नगर के लोग रावण के प्रति “कृतज्ञता” का भाव रखते हुए विजयादशमी पर उसके पुतले नहीं जलाते।