स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज : साल में कुल 24 एकादशी का व्रत (Ekadashi fasting) किया जाता हैं। ज्येष्ठ महीना में पड़ने वाली एकादशी को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के नाम से जाना जाता हैं। सभी व्रतों में श्रेष्ठ मानी जाती हैं। इस दिन व्रती अन्न और जल का त्याग करते हुए उपवास (fasting) करता हैं।
निर्जला एकादशी के दिन पूजन (worship) के लिए भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र, पूजा की चौकी, पीला वस्त्र, पीले पुष्प, भगवान के लिए पीले वस्त्र, ऋतुफल,केसर, इत्र, इलायची, पान, लौंग, सुपारी, कपूर, पानी वाला नारियल, कलश, आम के पत्ते, पंचामृत, तुलसी दल, पीला चंदन, अक्षत, पंचमेवा, कुमकुम, हल्दी, धूप, दीपक। आंवला, मिठाई, तिल, व्रत कथा पुस्तक, मौली, दान के लिए मिट्टी का कलश पानी से भरा हुआ, सत्तू, फल, तिल, छाता, जूते चप्पल।
माना जाता है कि इन सभी चीजों का प्रयोग अगर निर्जला एकादशी के दिन विष्णु पूजन में किया जाए तो जगत के पालनहार शीघ्र प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और सभी दुखों व कष्टों का अंत कर देते हैं।