एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: हिन्दू धर्म में तृतीया तीज के रूप में जाने वाले गणगौर व्रत का वशेष महत्व है। सुहाग की लंबी आयु और मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत रखा जाता है। इसमें देवी गौरी और भगवान शंकर की पूजा की जाती है। वैसे यह व्रत एक दिन का होता है लेकिन राजस्थान के कई हिस्सों में यह पर्व के रूप में 16 से 18 दिन तक चलता है। /anm-hindi/media/post_attachments/9cc424b8-e8a.jpg)
इस वर्ष गणगौर व्रत शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरूआत 31 मार्च, प्रातः 9 बजकर 11 मिनट पर होगी, जिसका समापन 1 अप्रैल, प्रातः 5 बजकर 42 मिनट पर उदयातिथि पड़ने के कारण यह पर्व 31 मार्च को रखा जाएगा।/anm-hindi/media/post_attachments/e8d9c7f8-e7b.jpg)
यह पर्व मुख्य रूप से हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों में मनाया जाता है।