स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: इसबार गुरु पुण्य नक्षत्र और गुरुवार एवं हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) तीनो एक ही दिन है | इसदिन पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण करने से भी देवी लक्ष्मी और विष्णु (Lakshmi and Vishnu) की कृपा प्राप्त होती है। इस बार अमावस्या बुधवार को रात 9:00 बजे से शुरू होकर गुरुवार को रात 11:00 बजे खत्म हो रही है। इस दिन गुरुवार को गुरु पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग रहेगा। इन योगों में भगवान की पूजा करना और पितरों का तर्पण (offering to the ancestors) करना बहुत फलदायी होता है। यह अमावस्या सावन पर पड़ती है इसलिए इसे हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन पूर्वजों की याद में पेड़ लगाना भी बहुत फलदायी होता है।
इस तरह करें अमावस्या की पूजा:
पितरों के नाम का दान किसी गरीब इंसान को करना
उनके नाम का भोग निकालकर भोजन भी किसी गरीब व्यक्ति को कराना इससे पितर संतुष्ट होते हैं और घर को धनधान्य से भर देते हैं।