एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : क्या कानून एवं व्यवस्था (law and order) की स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है? क्या राज्य चुनाव आयोग (SEC) अपने कर्तव्यों के निर्वहन में पूरी तरह विफल रहा है? क्या सरकारी मशीनरी इस हद तक हिंसा का अनुमान लगाने में विफल रही? विपक्ष, कांग्रेस (Congress) और वामपंथी (CPIM) दल दावा कर रहे हैं कि इस समय कोई सरकार नहीं है और चुनाव (West Bengal panchayat election 2023) एक तमाशा बनकर रह गया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर चौधरी ने आरोप लगाया कि बीजेपी (BJP) ममता और टीएमसी के साथ मिली हुई है। यहां तक कि टीएमसी के भीतर एक वर्ग ने दावा किया कि वे विवेकहीन हिंसा और मौतों से निराश हैं और "उनका सिर शर्म से झुक गया है"। अभूतपूर्व पंचायत चुनावों में हिंसा रुकने के बावजूद मरने वालों की संख्या बढ़ती रही। विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि (West Bengal) राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा पूरी तरह से विफल रहे हैं और उन्होंने सत्तारूढ़ टीएमसी (TMC) के चापलूस के रूप में काम किया है।