स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: गुरुवार को नवान्न में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ जूनियर डॉक्टरों की बैठक विफल रही। नतीजतन, वे साल्ट लेक मंच पर लौट आए। हालांकि, जब उनकी मांगों का कोई समाधान नहीं निकला, तो उन्होंने वैकल्पिक रास्ता अपनाया।
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट द्वारा लिखे गए चार पृष्ठ वाले पत्र की प्रतियां उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा को भी भेजी गई हैं। कनिष्ठ चिकित्सकों ने अपनी हड़ताल 9 अगस्त को शुरू की थी, जब अस्पताल के सेमिनार रूम में एक महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु का शव मिला था। उसके साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। तब से, कनिष्ठ चिकित्सकों के ‘काम बंद’ किया हुआ है।
उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘‘देश की प्रमुख होने के नाते हम इन मुद्दों को विनम्रतापूर्वक आपके समक्ष रखते हैं, ताकि हमारी उस सहयोगी को न्याय मिले जिसके साथ अत्यंत घृणित अपराध हुआ और हम, पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के तहत स्वास्थ्य सेवा पेशेवर, बिना किसी भय और आशंका के जनता के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।’’ उन्होंने लिखा, ‘इस कठिन समय में आपका हस्तक्षेप हम सभी के लिए प्रकाश की एक किरण की तरह होगा, जो हमें हमारे चारों ओर के अंधेरे से बाहर निकलने का रास्ता दिखाएगा।’'