मानव जाति की असीमित मांगें प्रकृति पर डाल रही हैं दबाव: कल्याण रुद्र
पिछले सात-आठ दशकों से देखा जा रहा है कि इंसान लगातार प्रकृति को नष्ट कर रहा है।” उन्होंने आगे कहा, ''प्रकृति पर यह हमला चार चरणों में किया गया है। जिनमें से पहला है मिट्टी का अपना प्राकृतिक चरित्र और उत्पादक क्षमता खोना।
स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: झाड़ग्राम में आज पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में मिशन लाइफ के तहत पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कई स्कूलों के छात्रों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. कल्याण रुद्र मुख्य रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, “मनुष्य ने प्रकृति की सामान्य शक्तियों को पार कर लिया है। मनुष्य की जरूरतें अन्य जानवरों की तरह सीमित नहीं हैं। मानवता की असीमित मांग प्रकृति पर दबाव डाल रही है। पिछले सात-आठ दशकों से देखा जा रहा है कि इंसान लगातार प्रकृति को नष्ट कर रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, ''प्रकृति पर यह हमला चार चरणों में किया गया है। जिनमें से पहला है मिट्टी का अपना प्राकृतिक चरित्र और उत्पादक क्षमता खोना। दूसरा है पानी, जो लगातार अपनी गुणवत्ता खो रहा है, नदियाँ, तालाब, समुद्र तेजी से प्रदूषित हो रहे हैं। तीसरा, हवा जो लगातार अपनी गुणवत्ता खोती जा रही है। चौथा, पिछले पचास वर्षों में विभिन्न मानवीय गतिविधियों के कारण पृथ्वी पर कई जानवर और पौधे धीरे-धीरे विलुप्त हो गए हैं। पिछले 50 वर्षों में पृथ्वी पर विभिन्न जानवरों और पौधों की संख्या में कम से कम 68-70 प्रतिशत की कमी आई है। इस अवधि में मानव जनसंख्या दोगुनी हो गई है।”