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एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: पंचायत चुनावों (central forces) में अभूतपूर्व हिंसा होने के कारण, राज्य चुनाव आयोग द्वारा आंकड़े जारी किए जाने के बाद पश्चिम बंगाल (West Bengal) में केंद्रीय बलों (State Election Commission) की तैनाती पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है कि कई कंपनियां अभी तक नहीं पहुंची हैं। पश्चिम बंगाल के लिए केंद्रीय पुलिस बलों की कोऑर्डिनेटिंग एजेंसी बीएसएफ (BSF) द्वारा जारी सूचना के मुताबिक, शनिवार सुबह 10 बजे तक 22 जिलों में 620 कंपनियां तैनात कर दी गई हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''बाकी बल रास्ते में हैं।'' बीएसएफ अधिकारियों ने दावा किया कि एडिशनल डायरेक्टर जनरल ईस्टर्न सेक्टर सोनाली मिश्रा (Additional Director General Eastern Sector Sonali Mishra) और कोऑर्डिनेटिंग इंस्पेक्टर जनरल, राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा (State Election Commissioner Rajeev Sinha) को लगातार पत्र लिखकर तैनाती का विवरण मांग रहे हैं। ``राज्य चुनाव आयुक्त ने विचार-विमर्श करके हमारे पत्रों का जवाब देने में देरी की। हम जानना चाहते थे कि बल कहां भेजनी है। हमें वाहनों सहित लोगों और सामग्री को ले जाना पड़ता है, ट्रेन टिकट बुक करना पड़ता है और इस सब में थोड़ा समय लगता है। टीम में शामिल एक वरिष्ठ बीएसएफ अधिकारी ने एएनएम न्यूज को बताया, ''हम राज्य चुनाव आयोग से लगातार मांग कर रहे हैं लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया।'' बीएसएफ और केंद्रीय पुलिस संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों ने उल्लेख किया कि जिला पुलिस अधीक्षक और स्थानीय पुलिस अधिकारी उन्हें ड्यूटी पर रखने के लिए अनिच्छुक थे। एएनएम न्यूज़ से विशेष रूप से बात करते हुए, बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल (BSF Director General), नितिन अग्रवाल (Nitin Agarwal) ने कहा कि 168 कंपनियों को तैनाती के लिए चिह्नित किया गया है और 120 कंपनियां पहले से ही ग्राउंड जीरो पर हैं। उन्होंने कहा, ''स्थानीय पुलिस को बलों का उपयोग करना होगा।''