तीन साल से बंद शवदाह गृह, स्थानीय लोगों ने की मरम्मत की मांग

सात लाख रुपए की लागत से बना शवदाह गृह तीन साल से बंद पड़ा है। स्थानीय लोग इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। नदी के किनारे हमेशा जबरन शवदाह गृह चल रहा है। स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है। एकलभाषी लोगों ने शवदाह गृह के तत्काल मरम्मत की मांग की है।

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Ankita Kumari Jaiswara
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: सात लाख रुपए की लागत से बना शवदाह गृह तीन साल से बंद पड़ा है। स्थानीय लोग इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। नदी के किनारे हमेशा जबरन शवदाह गृह चल रहा है। स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है। एकलभाषी लोगों ने शवदाह गृह के तत्काल मरम्मत की मांग की है।

घटना पश्चिम मेदिनीपुर जिले के घाटाल प्रखंड के मनसुका 1 ग्राम पंचायत के परबतीचक गांव की है। घाटाल पंचायत समिति ने वित्तीय वर्ष 2020/21 में 7 लाख रुपये की लागत से इस श्मशान घाट का निर्माण कराया था। तीन साल बीत जाने के बाद भी स्थानीय लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है, शवों को झूमी नदी के किनारे जलाने को मजबूर होना पड़ रहा है। परबतीचक गांव के लोगों ने बार-बार ग्राम पंचायत से शिकायत की है, लेकिन कुछ नहीं हुआ है। वे श्मशान घाट का जल्द मरम्मत करने की मांग कर रहे हैं। 

घाटाल पंचायत समिति के उपाध्यक्ष विकास कर ने सभी शिकायतों को स्वीकार किया, लेकिन विकास बाबू ने दावा किया कि स्थानीय पंचायत सदस्यों और ग्राम पंचायतों ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया है और वे इस क्षेत्र के लोगों को सेवाएं प्रदान करने के लिए शीघ्र सुधार करेंगे। अब देखना यह है कि घाटाल पंचायत समिति कितनी जल्दी श्मशान घाट का जीर्णोद्धार करती है।