पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ.राजेश कुमार ने कहा कि डब्ल्यूबीपीसीबी वेटलैंड संरक्षण सप्ताह मना रहा है और इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण, वेटलैंड प्रबंधन और संरक्षण के बारे में नयी पीढ़ी के बीच जागरूकता फैलाना है।
एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: शुक्रवार पश्चिम बंगाल सरकार के पर्यावरण विभाग के सहयोग से पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एक कार्यशाला सह मॉडल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ.राजेश कुमार ने कहा कि डब्ल्यूबीपीसीबी वेटलैंड संरक्षण सप्ताह मना रहा है और इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण, वेटलैंड प्रबंधन और संरक्षण के बारे में नयी पीढ़ी के बीच जागरूकता फैलाना है।
उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को वेटलैंड प्रबंधन और संरक्षण के महत्व को समझने की जरूरत है, साथ ही उन्हें वेटलैंड की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदमों की भी जानकारी होनी चाहिए। कार्यशाला सह मॉडल प्रदर्शनी में भाग लेने वाले छात्रों द्वारा वेटलैंड की रक्षा के लिए अपनी रचनात्मकता से बनाये विभिन्न मॉडल देखकर डॉ. कुमार खुश हुए। कार्यशाला में छात्रों को बताया गया कि डब्ल्यूबीपीसीबी वेटलैंड के प्रबंधन और संरक्षण की दिशा में कैसे काम कर रहा है, पूरे राज्य की जलवायु और इकोलॉजी की सुरक्षा के लिए वेटलैंड का संरक्षण कितना महत्वपूर्ण है, वेटलैंड्स 'कोलकाता की किडनी' के रूप में कैसे काम कर रहे हैं।
डॉ. कुमार ने उन किसानों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की पैरवी की जो पराली जलाते हैं, जिससे वायु प्रदूषण होता है और हवा की गुणवत्ता में गिरावट आती है। जीआईएस लैब स्थापित की गई है जो इलाके में आग की घटनाओं का पता लगाती है। ऐसी घटनाओं की सूचना स्थानीय पुलिस स्टेशनों, बीडीओ, एसपी और डीएम को दी जाती है जो तत्काल कार्रवाई करते हैं और गंभीर मामलों में दंडात्मक कार्रवाई की जाती है। डॉ. कुमार ने पर्यावरण की रक्षा करने के लिए समाज को आगे आने और पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ हाथ मिला कर वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने की बात कही।