स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: बिहार के कैमूर के संजीत कुमार खरवार 2020 में अपनी गर्भवती पत्नी को प्रसव पीड़ा के कारण भभुआ सदर अस्पताल लेकर पहुंचे थे। लेकिन रात का समय होने के कारण डयूटी पर तैनात एएनएम व डॉक्टर ने गर्भवती को प्रसव कराने की बजाए प्राइवेट अस्पताल भेज दिया था। प्राइवेट अस्पताल में उपचार के दौरान गर्भवती की मौत हो गई थी। मामला प्रमंडलीय आयुक्त के संज्ञान में आया तो उन्होंने जिला स्तर पर गठित गर्भवती महिलाओं की मौत से संबंधित कमेटी को जांच करने को कहा। कमेटी ने मामले की जांच की तो पता चला कि संजीत द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत सही है। चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही के कारण गर्भवती ने दम तोड़ दिया। यदि उसका समय पर उपचार हो जाता तो शायद बच सकती थी। प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देश पर कैमूर डीएम ने लापरवाही करने पर भभुआ सदर अस्पताल की तीन एएनएम को निलंबित कर दिया। निलंबित की गई के नाम मनोरमा कुमारी, सुषमा कुमारी और सुनीता कुमारी हैं। साथ ही डॉक्टर पर कार्रवाई की अनुशंसा की है। बीसीएम चैनपुर विवेक कुमार को 1 माह के मानदेय में 40 प्रतिशत राशि की कटौती की गई है। आशा कार्यकर्ता संजू कुमारी को सेवा मुक्त कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक यह मामला प्रथम अपीलीय प्राधिकार सह प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल के लोक शिकायत न्यायालय में आया तो आयुक्त ने पूरे मामले की जांच कराई। मामला सही जाने पर कार्रवाई की गई है।